हनुमान चालीसा

Shri Hanuman Ji Ki Aarti: हर मंगलवार के दिन करें

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हनुमान चालीसा हिंदी: दोस्तों आज हम जानेगे hanuman chalisa hindi write एवं लिखे हुए सब्दो से हनुमान चालीसा याद करेंगे और यदि आप hanuman chalisa hindi lyrics pdf में पाएंगे,

हालांकि हम हनुमान चालीसा lyrics के माध्यम से पड़ेंगे आपको बता दें हनुमान चालीसा का पाठ बहुत ही स्वच्छता का ध्यान में रखते हुए पाठ करें नहा कर अंग में कपड़ा धारण कर और आसन में बैठकर आरती करें और निर्मल एवं साधारण स्वर में गाये।

हनुमान चालीसा के बारे में

हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले मैं आपको बता दूं, बहुत सारे लोगों के मन में सवाल रहता है कि हनुमान चालीसा कब पढ़ना चाहिए कितना समय होना चाहिए और कितना समय लगना चाहिए

पड़ने पर और 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए सभी पाठकों को मैं आपको विस्तार पूर्वक से सभी जानकारियां बताने वाला हूं इससे पहले हनुमान चालीसा जी का पाठ करते हैं और नीचे सभी प्रश्नों के उत्तर समझते हैं

हनुमान चालीसा lyrics

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।

हनुमान चालीसा हिंदी (हनुमान चालीसा चौपाई)

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥1॥

राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥

हाथबज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजै॥5॥

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥

विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥

भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥

लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥

रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥13॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,  नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥15॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥

दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसा रे॥21॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै॥23॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥

सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥

और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥

साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥31॥

राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥

तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥

अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥34॥

और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥

जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई॥38॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥39॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मंह डेरा॥40॥

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सूरभूप॥

Hanuman chalisa hindi mein

FAQs: Hanuman chalisa Hindi

हनुमान चालीसा कितने बजे पढ़ना चाहिए?

Hanuman chalisa पढ़ने का समय सुबह शाम आप अपने समय अनुसार पढ़ सकते हैं लेकिन स्वच्छता का ध्यान में रखते हुए पाठ करें।

हनुमान चालीसा कितनी देर में पढ़ना चाहिए?

Hanuman chalisa का पाठ शास्त्रों के हिसाब से 1 दिन में 100 बार करना चाहिए लेकिन यह असमर्थ है कम से कम 7 से 11 या 21 बार जरूर करना चाहिए जिससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ कब नहीं करना चाहिए?

Hanuman chalisa का पाठ तब नहीं करना चाहिए जब आपके किसी परिवार का व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो या सूतक काल हो तब हनुमान जी का पाठ नहीं करना चाहिए।

Hanuman chalisa पढ़ने के नियम क्या है?

हनुमान चालीसा पाठ पढ़ने के लिए सबसे पहला और मुख्य नियम है, कि आप नहाने के पश्चात स्वच्छ कपड़े पहने और नीचे जमीन पर बैठे आसन बिछाकर यदि आप कुर्सी पर बैठते हैं तो उसे अशुभ माना जाता है | और हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले गणेश जी का पाठ करें एवं उसके पश्चात भगवान श्री राम एवं सीता माता को प्रणाम करें और हनुमान जी का पाठ प्रारंभ करें।

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