bakrid kyon manae jaati hai: दोस्तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम सभी जानेंगे बकरीद क्यों मनाया जाता है (bakrid kyon manae jaati hai) इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार वे इन जानवरों की कुर्बानी अल्लाह की रजा के लिए करते हैं, अर्थात कुर्बानी के इस त्यौहार को मनाने के पीछे विशेष वजह है, इस आर्टिकल के माध्यम से bakrid से जुड़ी सभी जानकारी जानेंगे।
बकरीद क्या है
बकरीद मुसलमानों का त्योहार है यह विश्व भर में कुर्बानी के इस अवसर पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जात बकरीद को ईद से भी ज्यादा मनाया जाता है इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले सभी लोग अपने मस्जिदों पर जाकर सफेद कुर्ते में ईद का नमाज अदा करते हैं नमाज अदा करने के पश्चात 8 बकरे भैंस बैल आदि जानवरों का कुर्बानी देते हैं इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार कुर्बानी अल्लाह की रजा के लिए करते हैं कुर्बानी के इस त्यौहार को मानने के पीछे विशेष जानकारियां एवं कहानियां सुनने को मिल रहे हैं आओ सभी जानकारियां जानते हैं।
Bakrid क्यों मनाते हैं
हर एक त्यौहर मनाने के पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है चाहे हिंदुओं में हो या मुमुसलमानों में ऐसी ही एक मान्यताओं के अनुसार बकरीद क्यों मनाई जाती है उसके बारे में जानते हैं कहते हैं
हजरत इब्राहिम (Hazrat Ibrahim) को अल्लाह का पैगम्बर माना जाता है जो की पैगम्बर मोहम्मद के पूर्वज थे। जो की समाज में भलाई के लिए कार्य करते हैं दीन-दुखियों की मदद करते थे वह बड़े ही नेक आदमी थे। और जीवनभर इन्ही कामों में जुटे रहें। लेकिन 90 साल की उम्र तक उनकी कोई संतान नहीं थी। लेकिन अल्लाह की रहमत से उन्हें एक चाँद सा बेटा प्राप्त हुआ था जिसका नाम उन्होंने इस्माइल रखा था। लेकिन खुदा ने उनकी परीक्षा लेनी चाहि।
लेकिन एक दिन हजरत इब्राहिम (Hazrat Ibrahim) को हुक्म मिला कि खुदा के लिए उन्हें अपनी प्रिय वस्तु की कुर्बानी देनी होगी हजरत इब्राहिम बिना सोचे समझे हुक्म को मानते हुए पैगम्बर सबसे पहले अपने एक खास ऊंट की कुर्बानी दी जो की उन्हें बहुत ज्यादा प्रिय था. उसके बाद उन्हें फिर सपना आया की उन्हें सबसे अधिक प्रिय वस्तु को कुर्बान करना है। दूसरे दिन उन्होंने अपने सारे सभी जानवरों की कुर्बानी देदी।
लेकिन अंततः फिर उन्हें अंतिम बार आदेश मिला की उन्हें अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करना है और इतना सुनते ही हजरत ने अपनी पत्नी को अपने बेटे इस्माइल को नहलाके तैयार करने को कहा। और इस्माइल को लेके वे उनकी कुर्बानी देने के लिए निकल पड़े बेटे की गर्दन पर तलवार चलाने से पहले उन्होंने अपनी आँखों में काली पट्टी बाँध ली
और फिर तलवार चला दी, आँखों से पट्टी हटाई तो सामने बकरे की कुर्बानी हो चुकी थी और इस्माइल को खेलते हुए पाया। इब्राहिम के इस कार्य और अपने प्रति निष्ठा देखकर अल्लाह ने उन्हें पैगम्बर बना दिया। कहते हैं कभी से बकरे की कुर्बानी दी जाती है।
2023 में बकरीद कब है?
दोस्तों धार्मिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के पवित्र महीना खत्म होने के पश्चात 70 दिन बाद ज्वाला हज्जा महीने के दिन मनाया जाता है बकरीद का त्यौहार 2023 में बकरीद पर्व 9 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा।
बकरीद कैसे मनाई जाती है?
इस पर्व पर खुदा की इबादत कर एवं मस्जिद पर नमाज अदा कर चार पैर वाले जानवरों की बलि दी जाती है और उनका गोश्त गरीबों में बांट दिया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बकरीद में कुर्बानी के लिए उन जानवरों को चुना जाता है |
जिनकी सेहत अच्छी हो और वह जानवर बीमार ना हो यदि जानवर बीमार है तो अल्लाह राजी नहीं होते ऐसा मानना होता है बकरीद का पर्व इस्लाम के पांच में सिद्धांत हज को भी मान्यता देता है बकरीद के दिन मुस्लिम बकरा भेजो ऐसे जानवरों को कुर्बानी देता है और गरीबों में बांट कर खुशी खुशी त्यौहार को मनाता है और लोगों के गले लग गिले-शिकवे दूर करते हैं।
सारांश
दोस्तों हम सभी ने इस पोस्ट में जाना aaj kaun sa tyohar hai और बकरीद क्यों मनाया जाता है? इसके बारे में विस्तार पूर्वक से जाना हमे उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा यद्दी पसंद आया है तो आप बकरीद क्यों मनाया जाता है? पोस्ट में कमेंट करना ना भूले धन्यवाद्!
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FAQs: bakrid kyon manae jaati hai
bakrid का त्यौहार 2023 में बकरीद पर्व 9 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा।
फर्ज-ए-कुर्बान का