Sarkari Yojana List | PradhanMantri Yojana List | Governent Scheme List In Hindi
Sarkari Yojana List 2024: क्या आप भारत सरकार की योजनाओं की सूचि ,अथवा all government yojana ढूंढ रहे है तो , इस आर्टिकल में आपको संक्षिप्त रूप से सभी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी योजनाओं के विषय में बताया गया है।
इस आर्टिकल में आपको पीएम किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन इत्यादि योजनाओं की जानकारी बताई गयी है।
साथ में उनसे सम्बंधित लिंक्स भी दर्शाए गए है जो आपको और जानकारी प्राप्त करा सकते है।
Sarkari Yojana List 2024 क्या है?
सरकारी योजना राज्य सरकार द्वारा लॉन्च की जाती है सरकार द्वारा दी गयी योजनाओ लाभ हम जैसे छोटे स्तर एवं माध्यम वर्गीय और पिछड़ा वर्गीय लोगो को लाभ प्रदान किया जाता है ऐसी ही कुछ योजनाओ के बारे में जानेगे आप से आग्रह रहेगा की आप आर्टिकल को पूरा पढ़े धन्यवाद
आयुष्मान सहकार योजना Aayushman Sahkar Yojana
यह योजना वर्ष 2021 में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के द्वारा प्रारंभ की गयी है।
इसका उद्देश्य : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचनाओं और मेडिकल कॉलेजों का विकास करना है।
इस योजना के द्वारा देशभर की सहकारी समितियों को 10 हजार करोड़ रूपये का ऋण, अधिकतम 8 वर्ष की अवधि के लिए ऋण की सुविधा है।
साथ ही महिलाओं की बहुलता वाली सहकारी समितियों को विशेष प्राथमिकता दिलाना है।
इस योजना से मूलतः जिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें चिन्हित किया जाएगा
अर्थात् सहकारी समितियों के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
इसके द्वारा देशभर में लगभग 52 ऐसे अस्पताल हैं, जिनका संचालन सहकारी समितियों द्वारा किया जा रहा है।
Official Link NCDC
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम National Cooperative Development Corporation(NCDC)
यह वर्ष 1963 में स्थापित किया गया था। यह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के द्वारा अथवा उसके अधीन संचालित होता है।
इसका मुख्या उद्देश्य सहकारिता के माध्यम से आर्थिक विकास करना है।
पीएम किसान सम्मान निधि PM Kisan Samman Nidhi Yojana
यह निधि 2019 में केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय द्वारा लागू किया गया। इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष भूमिधारक किसानों को कुल 18 हजार रूपये की वार्षिक सहायता करना है।
यह राशि तीन समान किश्तों में सीधे बैंक खाते में जमा कराई जाती है। पूर्णतः केंद्र प्रायोजित योजना लाभार्थियों की पहचान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर होती है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही अनौपचारिक ऋण तंत्र से भी मुक्ति प्रदान करना है।
भूमि की अधिकतम सीमा की कोई शर्त नहीं ,अर्थात् प्रत्येक किसान जिसके पास भूमि है, योजना के दायरे में सम्मिलित है।
हालांकि वन निवासी, पूर्वोत्तर राज्य, झारखंड जैसे राज्यों के लिए इस नियम में छूट प्रदान की गई है, क्योंकि यह भूमि संबंधी अधिकारों में भिन्नता मिलती है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही अनौपचारिक ऋण तंत्र से भी मुक्ति प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना PMFBY
यह योजना वर्ष 2016 में शुरू हुई।
इस योजना के तहत किसानो को खरीफ की फसल के लिए 2% प्रीमियम , रबी की फसल के लिए 1.5% प्रीमियम , एवं वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम मुहैया करना है।
योजना के अनुसार , केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा 50 : 50 की भागीदारी जबकि पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों के संदर्भ में 90 : 10 की भागीदारी का प्रावधान करना है।
इस योजना द्वारा फसलों के नुकसान के मूल्यांकन के लिए सैटेलाइट तकनीकी का प्रयोग , फसल बीमा एप भी लांच है।
ताकि प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की 72 घंटों के भीतर तस्वीरें साझा की जा सकें। योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कंपनियों के माध्यम से किया जाता है।
योजना के तहत बीमा कंपनियों द्वारा प्राप्त किए गए कुल प्रीमियम का आधा फीसदी शिक्षा, सूचना और संचार गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है।
वर्ष 2020 के लिए ऋण प्राप्त किसानों के लिए फसल बीमा करवाना अनिवार्य था, किंतु वर्ष 2020 के बाद से सभी किसानों के लिए बीमा करवाना वैकल्पिक हो गया।
योजना के तहत प्रावधान यह है कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने की स्थिति में संभावित दावे की 25 प्रतिशत राशि का तुरंत भुगतान करना होगा।
इसेमें पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान भी शामिल; फसल कटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा आ जाती है, तो किसानों को दावा राशि मिल सकेगी।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बीड मॉडल अथवा 80-110 फॉर्मूला government yojana
महाराष्ट्र सरकार का मॉडल : सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड नामक जिले के आधार पर नामकरण ,इस मॉडल के तहत यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है।
इसके एवज में बीमा कंपनी को अधिकतम 110 % बीमा का भुगतान करना पड़ेगा। यदि बीमा क्लेम 110 % से अधिक होता है तो शेष राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
एवं यदि बीमा क्लेम एकत्रित किए गए प्रीमियम से कम है तो बीमा कंपनी 20% राशि को अपने पास रखेगी और बाकी शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
यह योजना किसानों के लाभ हेतु 2015 में प्रारंभ किया गया।
इस योजना के अंतर्गत भारतीय किसानों को सिंचाई उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करना है। यह केंद्र एवं राज्यों की 75: 25 की भागीदारी पर आधारित है।
योजना का उद्देश्य
हर खेत को पानी एवं ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ की सुविधा देना है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए बजट के माध्यम से 50 हजार करोड़ रूपये की धनराशि जारी करना है।
गैर-सिंचित कृषि भूमि को सिंचित कृषि भूमि में परिवर्तित करते हुए न केवल अधिकतम उत्पादन प्राप्त करना बल्कि किसानों की आय में वृद्धि करना इस योजना का उद्देश्य है।
एवं इसके अंतर्गत जल संरक्षण एवं भू-जल स्तर में भी वृद्धि करना एक अन्य अप्रत्यक्ष उद्देश्य का ध्यान रखना है। योजना का लाभ उन सभी छोटे एवं सीमांत किसानों को जिनके नाम पर कृषि भूमि है।
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एकीकृत बागवानी विकास मिशन
यह केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में प्रारंभ किया गया। इस योजना में वर्ष 2021-22 के तहत 2250 करोड़ रूपये का बजटीय आवंटन किया गया है।
योजना का उद्देश्य देश में बागवानी कृषि को बढ़ावा देते हुए किसानों कीआय में सुधार करना है।
यह योजना , केंद्र और राज्य सरकारों की 60:40 की भागीदारी पर आधारित जबकि पर्वतीय प्रदेशों और पूर्वोत्तर भारत में 90 :10 की भागीदारी पर आधारित है।
यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में भारत में रिकार्ड 320 मिलियन टन बागवानी उत्पादन दर्ज किया गया है, जोकि संभवतः योजना के सफल क्रियान्वयन को इंगित करता है।
वर्ष 2019-20 के आंकड़े अंतिम है, नए आंकड़े अभी तक जारी नहीं हुए हैं।
प्रोजेक्ट चमन Chaman
यह वर्ष 2014 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
जिसका उद्देश्य: बागवानी फसलों के कृषि क्षेत्र का आकलन करना और उत्पादन में बढ़ावा देने हेतु वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करना है।
साथ ही बागवानी के संदर्भ में फसलों में होने वाले रोगों का उन्मूलन करना भी इसी योजना के अंतर्गत होता है।
हरित क्रांति कृषि उन्नति योजना
यह वर्ष 2019-17 में प्रारंभ एक केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है जो केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के तहत लागू है।
इसका मुख्य उद्देश्य: कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ ही किसानों की आय में वृद्धि करना है।
यह एक प्रकार की अंब्रेला योजना, जिसमें कई छोटी-छोटी योजनाएं सम्मिलित करना है जैसे- कृषि मशीनीकरण योजना, कृषि विपणन पर एकीकृत योजना आदि।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
यह योजना वर्ष 2007 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया।
यह केंद्र और राज्यों की 60 : 40 भागीदारी पर , जबकि पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के संबंध में 90 : 10 की भागीदारी पर आधारित है।
इसका उद्देश्य :
- कृषि उत्पादों में वृद्धि करते हुए खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करना
- कृषि योग्य भूमि के दायरे को बढ़ाना
- गेहूं, चावल और दालों के उत्पादन को बढ़ाना
- कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाना – कृषि आधारित रोजगार सृजन
मृदा स्वास्थ कार्ड योजना – Soil Health Card Scheme
यह योजना वर्ष 2014-15 में राजस्थान श्रीगंगानगर ज़िले के सूरतगढ़ से प्रारंभ किया गया था।
इसका उद्देश्य : देश भर के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किये जाने में राज्यों का सहयोग करना है।
योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा एवं किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं नमूना परीक्षण कर सकते हैं।
प्रयोगशाला स्थापित करने में 5 लाख रूपए तक का खर्च आता हैं, जिसका 75 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है।
मृदा की स्थिति का आकलन नियमित रूप से राज्य सरकारों द्वारा हर 2 वर्ष में किया जाता है, ताकि पोषक तत्त्वों की कमी की पहचान के साथ ही सुधार लागू हो सकें।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना (पीएम आशा) PM Aasha
यह योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ हुआ था।
मुख्यतः दाल तथा तिलहन की न्यूनतम मूल्य पर खरीददारी सुनिश्चित करने तथा इनके उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित,
ताकि न केवल किसानों की आय में वृद्धि की जा सके बल्कि कुपोषण की चुनौतियों से भी निपटा जा सके। इसके अलावा दालों तथा तिलहन की आयात पर निर्भरता कम करना भी एक लक्ष्य,
राज्य सरकारों को किसानों से दालों की खरीद पर यदि ,25 % से अधिक घाटा होता है ,तो इसकी भरपाई केंद्र द्वारा की जाएगी।
दालों एवं तिलहन की खरीद के लिए निजी इकाईयों को भी प्रोत्साहित करना योजना के लक्ष्यों के अंतर्गत है।
आर्या योजना Attracting and Retaining Youth in Agriculture
यह योजना वर्ष 2015 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू की गयी थी।
योजना का प्रमुख उद्देश्य युवा वर्ग को कृषि में संलग्न करना, ताकि न केवल कृषि में सुधारों एवं उत्पादन वृद्धि की रूपरेखा विकसित की जा सके
बल्कि रोजगार के अवसरों का भी सृजन किया जा सके। योजना के तहत प्रत्येक जिले में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य भी सम्मिलित
ताकि युवाओं के माध्यम से कृषि में आधुनिक प्रौद्योगिकी का समावेशन किया जा सके।
हाल ही में केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति, 2020 का ड्राफ्ट जारी किया था, जिसमें कृषि शिक्षा के कोई विशेष प्रावधान नहीं था।
इसी परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार देश की पहली राष्ट्रीय कृषि शिक्षा नीति ला रही है, जिसे नई शिक्षा नीति में माध्यमिक स्तर से शामिल किया जाएगा।
अभी तक नई कृषि शिक्षा नीति के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा ‘कोई स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत नहीं की गई है।
official website: ARYA | DFR – ARYA | ARYA पीडीएफ
नई शिक्षा नीति में कृषि शिक्षा को शामिल करने के कारण
- 52 प्रतिशत छात्र ग्रामीण पृष्ठभूमि से
- 80 प्रतिशत आबादी कृषि या उससे जुड़े व्यवसायों में संलग्न
- किसानों की आय दोगुना करने का केंद्र सरकार का टार्गेट
- कृषि शिक्षा को लेकर व्यावहारिक स्थिति
- देश के केवल नौ प्रतिशत विश्वविद्यालयों में ही कृषि की पढ़ाई
- केवल एक प्रतिशत विद्यार्थी ही कृषि को स्नातक के विषय के रूप में चुनते
नई शिक्षा नीति में कृषि शिक्षा को शामिल करने के लाभ
- किसानों की आय दोगुना करना – कृषि की विकास दर में भागीदारी बढाना
- कृषि को लेकर घाटे का सौदा’ की अवधारणा को बदलना
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा योजना
यह योजना 2019 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा चालू की गयी थी।
इस योजना का लागत : 1100 करोड़ है जो कि विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 की साझा लागत के आधार पर वित्तपोषित है।
इसका उद्देश्य : प्रतिभाओं को आकर्षित करना एवं उच्चतर कृषि शिक्षा को मज़बूत करना है।
प्रमुख बातें
- कृषि, बागवानी, मछली पालन और वानिकी में चार वर्षीय डिग्री को व्यावसायिक डिग्री का दर्जा देना।
- कृषि डिग्री में जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, जैविक खेती, कृषि व्यवसाय प्रबंधन आदि विषय सम्मिलित करना है।
स्टूडेंट रेडी योजना
यह योजना 2019 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कृषि व्यापार में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
साथ ही छात्रों को कृषि और उद्यमशीलता के लिये व्यावहारिक अनुभव देना भी है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
- यह योजना 2020 में केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया इसका उद्देश्य :
- कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्न मुफ्त में मुहैय्या करना
- तथा देश के लगभग 80 करोड़ व्यक्ति (भारत की लगभग 2/3 जनसंख्या) को शामिल करना है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना One Naton One Ration Card (ONORc)
- यह योजना 2020 से पूरे देश में लागू की गयी। यह केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यगत है।
- इस योजना का उद्देश्य , देश के सभी नागरिकों को एक कार्ड से पूरे देश में कहीं भी राशन उपलब्ध करना है।
- इस योजना के कारण , सार्वजानिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी (विशेषकर प्रवासी) ,
- देश के किसी भी भाग में,खाद्यान्न प्राप्त करने में सक्षम हो सकते है।
- इससे केवल केंद्र प्रायोजित योजनाओं का ही लाभ है , जिसका उद्देश्य : एक से अधिक राशन कार्ड रखने वालों पर रोक लगाना है।
पीएम वाणी (PM WANI)
PM-WANI: Pradhan Mantri wireless Access Network Interface
भारत की नई सार्वजनिक वाई-फाई योजना , 2021 में भारत सरकार द्वारा देश भर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच के विस्तार लिए ,
सरकार ने तमाम पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) के जरिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी करना है।
योजना के तहत PDO द्वारा सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
योजना का महत्व
- देश में उद्यमियों के लिए व्यापार करने में आसानी होगी और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा
- यह कदम सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं के प्रसार की प्रक्रिया को भी तेज करेगा।
- आम नागरिक को लागत प्रभावी विकल्प उपलब्ध होंगे
- डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना PM Kaushal Vikas Yojana (PMKVY)
यह योजना वर्ष 2015 में केंद्रीय उद्यमिता मंत्रालय द्वारा प्रारंभ की गयी थी।
इसका उद्देश्य: ऐसे लोगों को प्रशिक्षित करना जिन्होंने 10वीं कक्षा अथवा इससे पहले स्कूल छोड़ दिया है।
योजना के तहत ऐसे लोगों को प्रशिक्षित कर प्रमाण पत्र दिया जाएगा ताकि वह अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्र में योगदान देने के साथ ही रोजगार सृजन का माध्यम बन सकें।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0
योजना के दूसरे चरण को वर्ष 2018-19 में प्रारंभ किया गया।
योजना के दूसरे चरण में जिलेवार लाभार्थियों को लक्षित किया गया तथा गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया को अपनाया गया।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0
2021 में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीसरे चरण (PMKVY 3.0) का शुभारंभ हुआ।
तीसरे चरण को वैश्विक एवं स्थानीय स्तर पर बदलती कौशल मांगों को ध्यान में रखते हुए ‘वोकल फॉर लोकल’ दृष्टिकोण पर आधारित है।
इसके अंतर्गत, लगभग 600 केंद्रों में 300 से अधिक पाठ्यक्रम शामिल है।
जिसका उद्देश्य : कौशल विकास को अधिक माँग-संचालित बनाना और अधिक विकेंद्रीकृत करना है।
ग्राम उजाला योजना Gram Ujala Yojana
2021 में ग्राम उजाला योजना शुरू जिससे संबंधित मंत्रालय : केंद्रीय बिजली और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय है।
एवं संबंधित विभाग/एजेंसी : कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) है।
यह ग्रामीण क्षेत्रों में दुनिया का सबसे सस्ता एलईडी बल्ब प्रदान करने की योजना है तथा कार्बन क्रेडिट के आधार पर वित्त-पोषित योजना के रूप में जानी जाती है।
पीएम स्वनिधि Street Vendors Atmnirbhar Nidhi (PM SVANidhi)
यह योजना जून 2020 में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रारम्भ की गयी थी।
इसका पूरा नाम : The Pradhan Mantri Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi है।
क्या है योजना?
- रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का ऋण उपलब्ध कराना
- अधिकतम 10 हजार रुपये तक का ऋण प्रदान करना, ऋण कारोबार को शुरू करने में मदद करता है।
- ऋण बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाता है किसी गारंटी की जरूरत नहीं अर्थात् एक तरह का अनसिक्योर्ड ऋण।
- सरकार ने स्ट्रीट वेंडरों की मदद के लिए इस स्कीम के तहत 5,000 करोड़ रुपये की राशि रखी है,
- हाल ही में ‘ पीएम स्वनिधि ‘ योजना के कार्यान्वयन में मणिपुर में पहला स्थान प्राप्त किया है।
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सारांश
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने जाना तमाम योजनाओं के बारे में आशा करता हु की आपको पसंद आयी होंगी और आप योजनाओ का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते है और आप हमें कमेंट में जरूर बताये आपको इन योजनाओं में कौन सी योजना का लाभ मिल रहा है |
FAQs: Sarkari Yojana List 2024
उत्तर: Government Schemes / Sarkari Yojana के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से कर सकते हैं।
उत्तर: Sarkari Yojana के लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी को भारतीय नागरिक होना चाहिए।