mukhyamantri nishchay swayam sahayata bhatta yojana | MNSSBY | Bihar Nischay Swayam Sahayata Bhatta Yojana
आज भी देश में कई ऐसे नागरिक हैं जिन्हें प्रशिक्षण के बाद भी काम नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें कई तरह की आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन सभी नागरिकों के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा भत्ता दिया जाता था।
बिहार सरकार मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत शिक्षित बेरोजगार नागरिकों को अनुदान भी प्रदान करती थी।
ताकि राज्य के नागरिकों को वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े। इस लेख के माध्यम से, आप मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।
Mukhyamantri Nishchay Swayam Sahayata Bhatta Yojana
बिहार सरकार ने इन प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना (MNSSBY) की शुरुआत की है, ताकि वे अपना कौशल जल्द बढ़ाकर रोजगार प्राप्त कर सके ।
मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक जिला मुख्यालय पर जिला पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया था।
उन सभी को सितंबर 2016 से ट्रायल ऑपरेशन में डाल दिया गया था और आधिकारिक तौर पर 2 अक्टूबर 2016 को लागु कर दिया गया था ।
इसके अलावा, छात्र क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम और कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ भी कार्यक्रम के लाभार्थियों को दिया जा रहा था।
“आर्थिक हल युवाओं को बल” पर कार्य करती योजना
इस योजना के तहत 12 वीं पास छात्रों को दो साल के लिए प्रति माह 1,000 रुपये का अनुदान मिलेगा।
बिहार सरकार ने बेरोजगार युवाओं की सहायता के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
यह कार्यक्रम 20-25 आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को नौकरी खोजने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में प्रति माह ₹1000 की राशि प्रदान करता है।
यह राशि लाभार्थियों को 2 साल के लिए उपलब्ध कराई जा रही थी।
इस कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए यह आवश्यक है कि युवाओं को भाषा संचार और बुनियादी कंप्यूटर कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त हो।
यह कार्यक्रम योजना एवं विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित किया जाता था।
बेरोजगार युवा इस कार्यक्रम का उपयोग अपनी पढ़ाई जारी रखने और चयन प्रक्रियाओं की तैयारी के लिए कर सके।
Supporting Scheme With MNSSBY
जिला पंजीयन एवं परामर्श केन्द्र के माध्यम से क्रियान्वित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के अतिरिक्त इस निर्णय के अनुसरण में दो योजनाओं को क्रियान्वित किया गया।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
योजना का नोड सेक्टर शिक्षा क्षेत्र था। इस आधार पर, सरकार बैंकों के साथ संपर्क के माध्यम से 12 वीं कक्षा पास करने वाले प्रत्येक इच्छुक छात्र को 4 लाख रुपये का उच्च शिक्षा ऋण सुरक्षित करती थी।
आप इस पर अपने बैंक से विस्तृत मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
कौशल विकास योजना
कौशल विकास कार्यक्रम का नोडल क्षेत्र कार्यबल संसाधन क्षेत्र होगा।
कार्यक्रम के तहत, युवाओं को भाषा (अंग्रेजी / हिंदी) और संचार कौशल, बुनियादी कंप्यूटर साक्षरता और अन्य कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाता था ।
क्षेत्रीय पंजीकरण एवं परामर्श केन्द्रों पर प्राप्त कौशल विकास आवेदन पात्र होंगे।
इस संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन पटना बिहार में श्रम एवं संसाधन मंत्रालय द्वारा किया जाता था ।
मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना का उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य उन युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना था जो काम की तलाश में हैं।
योजना के तहत 20 से 25 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवकों और 12 वीं कक्षा पास करने वाली लड़कियों को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी।
यह कार्यक्रम राज्य के नागरिकों के आर्थिक कल्याण में सुधार लाने में कारगर साबित होगा यह अनुमान लगाया गया था ।
इसके अलावा Mukhyamantri Nishchay Swayam Sahayata Bhatta Yojana के माध्यम से राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार किया जाएगा यह भी अनुमान था।
योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान पात्र लाभार्थी के खाते में मासिक रूप से किया जाना था।
इस योजना का लाभ केवल 2 वर्ष के लिए लाभार्थी द्वारा ही उपयोग किया जा सकता था।
Key Highlights Of 7 Nishchay Swayam Sahayata Bhatta Yojana
योजना का नाम | मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना |
किसने आरंभ की | बिहार सरकार |
लाभार्थी | बिहार के युवा |
उद्देश्य | रोजगार तलाश में आर्थिक सहायता देना |
आधिकारिक वेबसाइट | यहां क्लिक करें (अब यह कार्य नहीं करती है ) |
प्रधानमंत्री स्वयं सहायता भत्ता कार्यक्रम की विशेषताएं और लाभ
- बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री स्वयं सहायता सब्सिडी योजना शुरू की थी।
- इस योजना के माध्यम से 20-25 वर्ष युवाओं को काम की तलाश में वित्तीय सहायता प्रदान की जाना ।
- यह वित्तीय सहायता 1,000 हजार प्रति महीना थी ।
- युवाओं को हर माह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी ।
- इस प्रणाली से लाभार्थी केवल दो वर्ष तक ही लाभान्वित हो सकते थे।
- योजना का लाभ लेने के लिए युवाओं को कौशल विकास से जुड़ना था।
- यह योजना योजना एवं विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित कीजाती थी ।
प्रधानमंत्री स्वयं सहायता भत्ता प्रणाली की पात्रता
- आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 20-25 वर्ष होनी चाहिए।
- इस प्रणाली से लाभ उठाने के लिए आवेदकों को स्वरोजगार नहीं होना था ।
- आवेदकों को किसी भी प्रकार का सरकारी या गैर-सरकारी रोजगार प्राप्त नहीं हो ।
- आवेदकों को धन के अन्य स्रोतों से लाभ, छात्रवृत्ति, छात्र क्रेडिट कार्ड, शैक्षिक ऋण, या किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त नहीं हो ।
- मान्यता निकाय से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए था।
- आवेदकों को उच्च शिक्षा पूरी नहीं करनी चाहिए थी।
- इस प्रणाली के तहत प्रदान की गई पिछले 5 महीनों के भत्ते की राशि तब तक प्रदान नहीं की जाती थी जब तक आवेदक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करता है।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- 12वीं कक्षा की मार्कशीट
- दसवीं कक्षा की मार्कशीट
- आवासीय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- आधार कार्ड
किस प्रकार थी आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया
- लाभार्थियों द्वारा आवेदन जमा करने के बाद, बैक ऑफिस में आवेदन पर विचार किया जाता था ।
- उसके बाद, आवेदन इंटरनेट के माध्यम से जिला योजनाकार को प्रस्तुत किया जाता था।
- लाभार्थियों के खाते में राशि भेजने के लिए राज्य स्तर पर स्थापित परियोजना प्रबंधन इकाई में जिला योजना अधिकारी द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा किया जाता था।
- अनुदान राशि का आवंटन परियोजना प्रबंधन इकाई द्वारा ही लाभार्थी के खाते में किया जाता था ।
- साथ ही योग्य युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए आवेदन की एक प्रति जनशक्ति विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन जमा कीजाती थी।
- शिक्षा विभाग पहले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए प्राप्त आवेदनों में उल्लिखित संस्था, पाठ्यक्रम आदि से संबंधित तथ्यों का सत्यापन और सत्यापनकरते थे।
- आवेदन के साथ प्राप्त सभी आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां रिकॉर्ड के साथ रखी जाती थी।
- और उन्हें स्कैन भी किया था और एक कंप्यूटर पर एक सॉफ्ट कॉपी में रखा था।
- स्वीकृति मिलते ही आवेदन को पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता था।
- प्रत्येक स्तर पर की गई कार्रवाई आवेदकों को एसएमएस, ईमेल, पोर्टल आदि के माध्यम से सूचित करती थी ।
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता व्यवस्था आधार पंजीकरण व्यवस्था
- जिन आवेदनों के पास आधार कार्ड नहीं है, उन सभी आवेदनों के लिए जिला पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र में आधार पंजीकरण डेस्क स्थापित की जाती थी ।
- आधार पंजीकरण के लिए सभी संगठन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता था।
- पंजीकरण के बाद नामांकन आईडी प्रदान की जाती थी ।
- इस पंजीकरण आईडी का उपयोग इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए किया जा सकता था।
- आधार नंबर उपलब्ध होने के बाद ही इस योजना का लाभ दिया जाता था ।
बिहार स्वयं सहायता योजना योजना आधारभूत सरंचना
- योजना को लागू करने के लिए जिला अधिकारियों के नियंत्रण में जिले में जिला पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र की स्थापना की जायेगी।
- इन केंद्रों की जमीन जिला अधिकारियों को खुद उपलब्ध हुए थे।
- भवन का निर्माण भवन निर्माण विभाग करते थे।
- जिला अधिकारी निर्माण कार्य की निगरानी रखते थे ।
- इन केंद्रों पर निर्माण कार्य 30 अगस्त 2016 तक पूरा होने की उम्मीद की गयी थी।
- कंप्यूटर और अन्य उपकरणों की आपूर्ति बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम पटना द्वारा की जाती थी ।
- जिला पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र जिला अधिकारियों के नियंत्रण में संचालित होता था।
- ये केंद्र व्यावसायिक दिनों में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संचालित होते थे।
मुख्यमंत्री स्वयं सहायता कार्यक्रम के बारे में मुख्य तथ्य
- इस योजना को लागू करने के लिए एक सूचना प्रबंधन प्रणाली का आयोजन किया गया था।
- साथ ही इस योजना के तहत एमआईएस सॉफ्टवेयर और एक वेब पोर्टल विकसित किया जाता था।
- आवेदकों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर भी बनाया गया था ।
- इस योजना का विज्ञापन रेडियो, इंटरनेट, एसएमएस, होल्डिंग आदि के माध्यम से किया जाता था ।
- योजना एवं विकास विभाग के तहत राज्य स्तर पर एक परियोजना प्रबंधन इकाई भी स्थापित की जानी थी ।
- जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र एवं इसके अन्तर्गत स्थापित तीनों अनुमंडल जिला स्तर पर एक जिला अधिकारी की देखरेख में कार्य करने थे।
- योजना के क्रियान्वयन की मासिक समीक्षा क्षेत्रीय अधिकारी सहित विभागीय कर्मचारियों द्वारा मासिक रूप से की जाती थी।
बिहार स्वयं सहायता भत्ता योजना आवेदन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- सरकार इस कार्यक्रम के तहत आवेदन करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित की थी।
- आवेदन केवल ऑनलाइन स्वीकार किए जाते थे।
- सभी पात्र नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते थे।
- लाभार्थियों से सामान्य निकासी की जानकारी एकत्र की जाती थी।
- यह जानकारी जमा करने के बाद, आवेदक को उनके मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या प्रदान की जाती थी।
- पोर्टल में इस नंबर को दर्ज करने के बाद आवेदक को तीनों योजनाएं उपलब्ध हो जाती थी।
- यदि आवेदक किसी विकल्प का चयन करता है, तो उस कार्यक्रम के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन उपलब्ध थी।
- ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद, आवेदक को अपने विशिष्ट पंजीकरण संख्या के साथ प्रदान किए गए मोबाइल फोन नंबर और ईमेल आईडी पर एक पुष्टिकरण प्राप्त होता था।
- आवेदक को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी ई-मेल द्वारा भी प्राप्त होती थी।
- उनके द्वारा ऑनलाइन जमा किए गए आवेदन की एक पीडीएफ प्रति भी आवेदकों को उनकी ईमेल आईडी पर भेजी जाती थी।
- आवेदक को सत्यापन के लिए जिला पंजीकरण एवं परामर्श केंद्र पर आना होगा। ईमेल और एसएमएस के माध्यम से आवेदक को 1 सप्ताह पहले तारीख की सूचना दी जाती थी।
- सभी छात्र जो दसवीं कक्षा पास कर चुके हैं और किसी कारण से अपनी शिक्षा जारी नहीं रख सकते थे और उनकी उम्र 15 से 20 वर्ष के बीच है, वे भी वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं यदि वे कौशल विकास शिक्षा प्राप्त करना चाहते हो।
- केंद्र के प्रवेश द्वार पर May I Help You डेस्क की सुविधा थी। यह आवेदक को एक साथ काम करने और उनकी समस्याओं को हल करने की अनुमति देता था।
मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
बिहार सरकार द्वारा Mukhyamantri Nishchay Swayam Sahayata Bhatta Yojana के लिए आवेदन की प्रक्रिया बंद हो गयी है , चूँकि अब इस योजना से लाभ को बंद कर दिया गया है।
- यदि आप इस योजना के अंतर्गत अपना आवेदन करना चाहते है , तो आपको इसके ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होता है।
- जब आप 7 Nishchay Yojana MNSSBhttp://www.7nishchay-yuvaupmission.bihar.gov.in/addFtrUserPageY पर जाते है\
- अब आपके सामने नया पेज ओपन हो जायेगा |
- अब आपको सभी पूछी गयी जानकारिया भर देनी है
- नाम पता आधार नंबर मोबाइल नंबर आदि की सभी जानकारी भरकर सबमिट कर दे आप रजिस्ट्रेशन पूर्ड हो चूका उसकी पुष्टि आपके मोबाइल नंबर में मिल जाएगी |
FAQs: MNSSBY
आवेदन फॉर्म का प्रिंट आउट निकालने के पश्चात उसने पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी को सही-सही ध्यानपूर्वक भर कर नजदीकी कार्यालय में जमा कराएं
Toll Free Helpline Number : 1800 3456 444