Nanaji Deshmukh DBT PoCRA Yojana Maharashtra: नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना की स्थापना राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों की मदद के लिए की गयी है। इसे DBT Pocra के नाम से जाना जाता है।
इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा सूखा प्रभावित कृषि क्षेत्रों को सूखे से बचाया जाएगा ताकि किसान खेती कर अच्छी आय अर्जित कर सकें, साथ ही अपने और अपने परिवार के लिए एक अच्छा वित्तीय जीवन प्रदान कर सकें।
आज हम आपके लिए नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प (Nanaji Deshmukh Pocra) से संबंधित सभी जानकारी जैसे माहिती, आवेदन प्रक्रिया, दस्तावेज, पात्रता आदि लेकर आए हैं।
Nanaji Deshmukh Krishi Sanjivani Prakalpa 2023- DBT PoCRA Yojana
महाराष्ट्र सरकार को वर्ल्ड बैंक द्वारा हवामान अनुकूल कृषि प्रकल्प अपनाने की अनुमति प्राप्त है , और इसे नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प से जाना जाता है।
इस संयंत्र के उपयोग का उद्देश्य महाराष्ट्र के किसानो को जलवायु/हवामान के बदलाव से होने वाले नुकसानकारक प्रभावों को कम करना है। जलवायु परिवर्तन ने कई बार सूखे की स्तिथि जन्म दी है , जिसके वजह से कई बार बड़े पैमाने पर खेती का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
बदलते मौसम की वजह से भी किसानों में तनाव बना हुआ है। इस कार्य का उद्देश्य प्रतिकूलताओं के प्रभावों को कम करना है है।
विश्व बैंक की मदद से बदलती जलवायु परिवर्तन से कृषि को जो सामना करना पड़ रहा है , उसे कम करने के साथ कृषि उत्पादन की प्रणाली को लगातार इस प्रकल्प के विकसित किया जा रहा है।
इससे महाराष्ट्र के कृषि उत्पादकता दर बढ़ाने में मदद मिलेगी , एवं किसानो का आय बढ़ेगा। साथ ही इस प्रकल्प के राज्य में सीमांत एवं लघु जिलों के किसानो को कृषि की मुख्य श्रृंखला में जोड़ा जाएगा।
वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार सूखा पड़ने, लगातार बारिश, दो से अधिक बारिश,पानी की कमी आदि के कारण जलवायु/हवामान लगातार बदल रही है और इसके कारण कृषि विकास दर में गिरावट आई है और इससे कृषि उत्पादन और मुनाफे में गिरावट आई है।
अधिकांश किसान सीमांत और छोटे हैं और उनके पास संसाधनों की कमी है। ऐसे किसानों की कम अनुकूलन क्षमता और जोखिम लेने की क्षमता आदि के कारण के भी यह उत्पादन कोप्रभावित करता है।
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना के तहत परियोजनाएं
- बीज उत्पादन इकाई
- बकरी प्रजनन केंद्र का संचालन
- वर्मी कम्पोस्ट इकाई
- छिड़काव सिंचाई परियोजना
- ड्रिप सिंचाई परियोजना
- पानी का पंप
- बागवानी आदि के अंतर्गत पौधरोपण परियोजना
पोखरा योजना महाराष्ट्र क्या है? [What Is DBT PoCRA]
जैसा की आप जानते है कि महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन और किसान हितैषी राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
राज्य के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है किसानों को मौजूदा उच्च संकट से बाहर निकालना, कम उत्पादकता, कीमत में उतार-चढ़ाव, बाजार पहुंच की कमी के कारण उत्पादन लागत और कम लाभप्रदता, और कृषि-व्यवसाय के अवसरों की कमी में सुधार लाना है।
इसके साथ बढ़ती पानी की कमी, घटती भूमि से संबंधित मुद्दे संसाधन, खेती की बढ़ी हुई लागत, स्थिर कृषि उत्पादकता और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव न केवल स्थिरता और लाभप्रदता प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है बल्कि छोटी जोत वाली कृषि प्रणाली एवं किसानो के बीच संकट को कम करना भी एक चुनौती है।
इस लिए एक महत्वपूर्ण कारण (जलवायु परिवर्तन से कृषि पर प्रभाव ) को कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने विश्व बैंक के साथ साझेदारी में इस परियोजना की संकल्पना की है जो महाराष्ट्र के 15 जिलों के लगभग 5000 गांवों के लिए जलवायु अनुकूल कृषि (PoCRA ) करने में सहायता प्रदान करता है।
प्रोजेक्ट/योजना का नाम | नानाजी देशमुख पोकरा योजना |
राज्य | महाराष्ट्र |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
विभाग | महाराष्ट्र शासन-कृषि विभाग |
पोखरा योजना के लाभ (Benifits Of PoCRA Yojana)
पोकरा योजना यह महाराष्ट्र सरकार की एक कृषि तकनीकी पर काम करने वाली योजना है। इस योजना का पूरा उद्देश्य किसानो को उनके कृषि उपज का अच्छा लाभ प्रदान करना है, जो कि खेती की गुणवत्ता पर ही निर्भर करती है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए लगभग 4000 करोड़ का बजट मिलता है।
योजना के अंतरगत पोकरा टीम चुने गए 15 जिलों के लगभग 5000 गांवों में हर जगह की मिटटी की जांच करती है। इस जांच के लिए किसानो को कोई भी शुल्क नहीं देना होता है।
मिटटी के जांच से मिलने वाले परिणाम के अनुसार ये टीम इन जगहों के लिए खेती करने की सबसे अच्छी तकनीक का उपयोग करने के लिए उन किसानो को सुझाव प्रदान करती है।
योजना के लिए ये सभी कार्य 4 घटक में किये जाते है , जो योजना के लक्ष्य को सफल बानाता है। ये चार खंड को “पोखरा योजना ग्राम चरण” कहते है जो इस प्रकार है:
- जलवायु-लचीला कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देना
- क्लाइमेट-स्मार्ट पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट और वैल्यू चेन एक्सटेंशन
- जलवायु लचीलापन के लिए संस्थागत विकास, ज्ञान और नीति कृषि
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
इन चार “पोखरा योजना ग्राम चरण” में किये जाने वाले काम के कारण किसानो के कृषि में सुधार हो रहा है। किसान अब जलवायु परिवर्तन के अनुसार अपनी किसानी के तरीको में बदलाव कर अच्छी उपज पैदा कर रहे है।
इस योजना के लगातार प्रयास से किसानो को उनके आय में दोगुना बढोतरी हुई है। यदि आप इस योजना के तहत अपनी जमीन की जांच , फ्री कंसल्टेंसी आदि चाहते है, तो इसके लिए आपको DBT PoCRA Farmer Registration कराना होगा।
यह लाभ आपको PoCRA Yojana द्वारा Triple Win Strategy द्वारा प्रदान किया जाता है ,आप इसे निचे दिए गए जानकारी से पढ़ सकते है।
Features and Component Of DBT PoCRA
पोकरा (PoCRA ) का पूरा नाम प्रोजेक्ट ऑन क्लाइमेट रेसिलिएंट एग्रीकल्चर है , अर्ताथ जलवायु अनुकूलन कृषि के लिए परियोजना।
POCRA प्रोजेक्ट को वर्ल्ड बैंक द्वारा अनुमति वित्तीय वर्ष 2018 में 27 फरवरी 2018 को मिली थी ,और यह 30 2024 जून तक कार्यरत रहेगा।
इसे कई लोग पोकरा योजना व Pocra Scheme/Nanaji Deshmukh Pocra से भी बुलाते है , परन्तु परियोजना का विकास उद्देश्य (पीडीओ) महाराष्ट्र के चयनित जिलों में जलवायु लचीलापन और छोटे जोत वाली कृषि प्रणालियों की लाभप्रदता को बढ़ाना है।
यह परियोजना एक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के आसपास बनाई गई है जो विशेष रूप से कृषि में जलवायु अनुकूल बनाने पर केंद्रित है जो परीक्षण प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को बढ़ाने के माध्यम से किया जायेगा।
PoCRA भारत का कृषि के सेक्टर में अपनी तरह का (अद्वितीय) जलवायु अनुकूल परियोजना है। यह प्रोजेक्ट एक यूनिक ट्रिपल-विन स्ट्रेटेजी को फॉलो करता है जो इन घटक के उद्देश्य को सम्बोधित करता है।
- (1)जलवायु लचीलापन बढ़ाना और
- (2)छोटे किसानों की कृषि उत्पादकता बढ़ाना
Triple Win Strategy in Pocra Yojana
खेत स्तर पर बढ़ी जल सुरक्षा (Enhanced water security at farm level)
खेत स्तर पर बढ़ी जल सुरक्षा के लिए निम्न में सुधार प्राप्त करना शामिल है ;
- नवीनतम तकनीकों को अपनाना
- कृषि में जल उपयोग दक्षता में वृद्धि
- सतही जल भण्डारण क्षमता में वृद्धि
- भूजल पुनर्भरण
- स्वस्थानी जल संरक्षण
- अंतर-मौसमी जलपरिवर्तन से जुड़े जोखिमों को कम करना
बेहतर मृदा स्वास्थ्य (Improved Soil Health)
मिटटी में सुधार के लिए निम्न कदम बढाए गए ;
- अच्छी कृषि पद्धतिओं को अपनाना
- उर्वरता को बढ़ाना
- मृदा पोषक एवं तत्त्व को बढ़ावा देना
- तथा मृदा कार्बन पृथक्करण को बढ़ावा देना
कृषि उत्पादकता और फसल विविधीकरण में वृद्धि (Increased farm productivity and crop diversification)
इसके अंतर्गत निम्न को अपनाया गया है , परियोजना के ट्रिपल-विजय के लिए ;
- जलवायु लचीला
- बीज की किस्मे (छोटी परिपक्वता , सूखा प्रतिरोधी, नमक-सहिष्णु)
- बाजार-उन्मुख फसल
- किसानो के एकीकरण से प्राप्त आय की सुरक्षा के साथ मूल्य-श्रृंख्ला
4 Component Nanaji Deshmukh DBT Pocra Yojana
परियोजना में निम्नलिखित घटक और उप-घटक शामिल हैं:
जलवायु-लचीला कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देना (Component A)
इस घटक का मुख्य उद्देश्य कृषि स्तर पर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कृषि उत्पादन प्रणाली के जलवायु लचीलेपन को बढ़ाना है।
- PoCRA के तहत कुछ ग्राम-स्तरीय हस्तक्षेपों को पूरा करने के लिए लगभग 670 चयनित समूहों के लिए एक मिनी-बेसिन योजना तैयार करना एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।
- इस घटक में जलवायु परिवर्तन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, फसल प्रणाली / फसल विविधीकरण / वैकल्पिक फसल प्रणाली / आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना, एकीकृत कृषि प्रणाली, कार्बन फोर्टिफिकेशन द्वारा कार्बन पृथक्करण, कृषि वानिकी प्रणाली, मृदा स्वास्थ्य संवर्धन, मिट्टी और जल संरक्षण पर ध्यान देना शामिल है।
- यह घटक मुख्य रूप से पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार के लिए सतह और भूजल के प्रबंधन से संबंधित है। सरल जल संतुलन अभ्यासों के माध्यम से समुदायों को अपने जल संसाधनों का सतत प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राज्य द्वारा परियोजना को भूजल एजेंसी और अन्य वाटरशेड विकास क्षेत्रीय विभागों के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा, जिसमें जल बजट और फसल तैयार करने के लिए सतही जल प्रबंधन, भूजल पुनर्भरण और प्रबंधन, मिट्टी की नमी प्रबंधन, गांव / क्लस्टर स्तर जल संतुलन मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। छिड़काव और ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करके सुरक्षात्मक सिंचाई अपनायी जायेगी।
क्लाइमेट-स्मार्ट पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट और वैल्यू चेन एक्सटेंशन (Component B)
यह घटक मौजूदा किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) पर चयनित वस्तुओं की मूल्य श्रृंखला में परिवर्तन के प्रमुख चालक के रूप में निर्माण करेगा।
यह घटक पीडीओ द्वारा निम्नलिखित हस्तक्षेपों के अधीन होने के लिए डिज़ाइन किया गया है:
- चयनित मूल्य श्रृंखलाओं में बढ़ी किसानों की भागीदारी
- फसलोपरांत प्रबंधन और मूल्यवर्धन में प्रथाओं और तकनीकों को बढ़ावा देना जो जलवायु अनुकूलन और / या शमन का समर्थन करते हैं।
जलवायु लचीलापन के लिए संस्थागत विकास, ज्ञान और नीति कृषि (Component C)
- इस घटक का मुख्य किसानो के बिच लक्ष्य कृषि, मिट्टी और जल प्रबंधन के सतत अनुकूलन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाना है।
- यह परियोजना छोटे किसानों के साथ-साथ परियोजना पदाधिकारियों की क्षमता के व्यापक विकास के लिए प्रदान करती है।
- ये क्षमता निर्माण कार्यक्रम यशदा, वनमती, रमेट्टी और केवीके द्वारा कार्यान्वित किए जाते हैं।
- केवीके फार्म एक फील्ड स्कूल दृष्टिकोण के माध्यम से प्रसार गतिविधियों का भी समर्थन करता है।
- PoCRA के लिए संभावित ज्ञान भागीदारों के रूप में कई संस्थानों और संस्थानों की पहचान की गई है।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (Comonent D)
- उच्च स्तरीय संचालन समिति परियोजना गतिविधियों को डिजाइन और कार्यान्वित करने, प्रगति की समीक्षा करने, वार्षिक कार्य योजनाओं और बजटों को मंजूरी देने और क्रॉस-विभागीय अभिसरण सुनिश्चित करने के लिए वैचारिक, रणनीतिक और नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करती है। के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है।
- परियोजना तकनीकी सलाहकार बोर्ड को तकनीकी सलाह प्रदान करने और परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाली तकनीकी समस्याओं के उचित समाधान का प्रस्ताव देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू): परियोजना प्रबंधन इकाई को परियोजना दस्तावेजों की अवधारणा, तैयार और कार्यान्वित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- आवश्यक मार्गदर्शन, समन्वय और निरीक्षण प्रदान करने के लिए परियोजना निदेशक द्वारा पीएमयू का नेतृत्व किया जाता है।
प्रत्येक Component के लिए प्रस्तावित लागत
परियोजना के प्रत्येक घटक के लिए अनुमानित निवेश राशि इस प्रकार है।
Project Component | Proposed Cost (INR Crore) |
---|---|
Component A | 2,805.20 |
Component B | 334.40 |
Component C | 166.11 |
Component D | 371.01 |
Price Contingencies | 210.10 |
Total Project Cost | 3,886.80 |
DBT PoCRA Portal @dbt.mahapocra.gov.in
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को दिया जाने वाला अनुदान वस्तु के रूप में नहीं दिया जाना चाहिए।
बल्कि ऐसे अनुदान प्राप्तकर्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer or DBT) योजना के माध्यम से दिया जाना चाहिए।
कृषि उपकरण वितरण (कृषि उपकरण, फसल सुरक्षा उपकरण, इलेक्ट्रिक/डीजल/पेट्रोडीजल/ड्रिलिंग रिग/सबमर्सिबल/पंप और एचडीपीई पाइप), कृषि मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित एक केंद्रीय और राज्य-वित्त पोषित कार्यक्रम को कार्यान्वयन के लिए DBT अनुमोदित किया गया है।
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना के लिए Direct Benefit Transfer Portal – ICICI बैंक के माध्यम से सरकार को DBT Portal प्रस्तावित किया गया था। जिसकी मंजूरी सरकार द्वारा दिनांक 13/06/2018 को प्राप्त हुई। तब से यह कार्यरत है।
Project Management Cell के माध्यम से DBT Portal की सहायता से 15 जिलों में चयनित लाभार्थियों को परियोजना के विभिन्न घटकों, उप-घटकों और कार्यक्रमों (योजनाओं की सूची के साथ) से लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
यह पोर्टल ऑनलाइन वेब प्लेटफार्म एवं मोबाइल एप्लीकेशन के रूप में उपलब्ध है।
यह वेबसाइट सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध है। उपयोगकर्ताओं के लिए इस वेबसाइट का उपयोग करने के लाभ इस प्रकार हैं।
- किसान (15 जिलों के किसान)
- एफपीओ / एफपीसी / एफपीजी / एचएचजी
- समुदाय
- परियोजना में अनधिकृत
Nanaji Deshmukh PoCRA District List
- पोखरा योजना अकोला
- अमरावती
- पोखरा योजना औरंगाबाद
- बीड
- बुलढाना
- पोखरा योजना हिंगोली
- जलगांव
- जलना
- पोखरा योजना लातूर
- नांदेड़
- उस्मानाबाद
- परभनी
- वर्धा
- वाशिम
- यवतमाली
पोखरा योजना के लिए पात्रता
- इस योजना में केवल चयनित गांव के किसानो को पात्र माना गया है।
- आपको महाराष्ट्र राज्य का परमानेंट नागरिक होना आवश्यक है।
- जलवायु के कारण हो रहे नुकसान से राहत एवं सुझाव प्राप्त करने के लिए आप आवेदन कर सकते है।
पोखरा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- लैंड रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी)
- आवासीय प्रमाण पत्र
Nanaji Deshmukh Krishi Sanjivani Yojana DBT PoCRA Farmer Registration 2023 आवेदन कैसे करे
आप इस सेक्शन में नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना में फार्मर रजिस्ट्रेशन (किसान पंजीकरण ) की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
यदि कोई किसान इस PoCRA Scheme के अंतर्गत अपना पंजीकरण करना चाहते है , तो आप इस प्रकार आसानी से अपना पंजीकरण कर सकते है।
- सबसे पहले आपको PoCRA के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। dbt.mahapocra.gov.in
- होमपेज पर आपको शेतरी (किसान) के ऑप्शन पर क्लीक कर नविन नोंदणी पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने एक नया पेज खुल आएगा। जो आपके रजिस्ट्रेशन को विभिन्न चरणों में बांटता है।
- Basic Details (मूलभूत माहिती)
- Land Details (जमीन विवरण)
- Declaration (स्वयं-घोषणापत्र)
Step2: Mobile Verification की प्रक्रिया पूरी करें
NOTE: आधार कार्ड के साथ पंजीकृत हो वही मोबाइल नंबर उपयोग करें करें।
- आप को इन्ही चरणों को पूरा करना है। सबसे पहले आप अपने Mobile Verification कराते है। जिसमे आप को OTP प्राप्त होती है , आप इसे दर्ज कर आप अगले चरण में बढ़ सकते है।
Step3: Farmer Registration- मूलभूत माहिती की जानकारी भरें।
- जब आप मोबाइल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा कर लेते है , तो आप मूलभूत माहिती के चरण में प्रवेश करते है।
- मूलभूत माहिती में आप निम्नलिखित जानकारी दर्ज करते है।
- पूरा पता (जिला/तालुका/गांव)
- मोबाइल नंबर (एक से अधिक )
- केटेगरी
- जन्म तारीख
Step4: Farmer Registration- Land Details को भरें
- अब आप CONTINUE पर क्लिक करें। इसके बाद आप Land Details के चरण में प्रवेश करते है।
- आपको यहाँ आपके जमीन से जुड़ी जानकारी देनी होगी। जैसे;
- जमीन (खेती वाली) कहाँ स्तिथ है (जिला/तालुका/गांव)
- 8-A खाता क्रमांक (FORM 8-A अपलोड करें- Add कर दें)
- हेक्टेयर
- ARE (क्षेत्रफल)
- इसी प्रकार ध्यान से सही जानकारी पूर्ण करें।
- Land details भरने के बाद CONTINUE करें। आप अब Declaration पर पहुँचते है। यहाँ दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़कर मान्य करें।
Step5: Declaration एवं Final Submit करें
- अब आप सभी शर्तो को सही कर दें। एवं अंत में SUBMIT पर क्लीक करें। इस प्रकार आप का Farmer Registration पूरा हो जाता है।
DBT PoCRA Yojana Village List 2023
जैसा कि हमने PoCRA योजना के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है और यह योजना ग्रामीणों को परियोजना का लाभ कैसे प्रदान करती है।
यहां हमने DBT PoCRA Village List 2023 की जानकारी प्रदान की है। इस सूची में उन सभी गांवों और ग्राम पंचायतों का विवरण है जहां PoCRA योजना का लाभ मिलता है।
सरकार ने कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू किया है जहां वे अधिक गांवों को कवर करेंगे। यहाँ इन दो चरणों का सारांश दिया गया है:
POCRA Yojana Village List Phase 1
PoCRA Scheme Phase 1: कृषि पर्यावरण का समर्थन करती है और किसानों को मार्गदर्शन प्रदान करती है ताकि वे छोटे किसानों की कृषि उत्पादन विधियों को बदलने की क्षमता का लाभ उठा सकें।
पोकरा योजना के पहले चरण की में शामिल कार्य है:
- गांवों में पानी के छोटे घटक स्थापित करना शामिल है।
- आधुनिक खेती और खेती के तरीके जलवायु पर निर्भर है।
- कृषि में पानी का शीर्ष पायदान और संगठित उपयोग।
Pocra Yojana Phase 1 में शामिल ग्राम का लिस्ट डाउनलोड करें
पोकरा योजना ग्रामीण लिस्ट को डाउनलोड करने के लिए आप निचे के बटन पर क्लिक करें।
POCRA Yojana Village List Phase 2
परियोजना प्रबंधन और फसल कटाई प्रशासन इस खंड में सबसे आगे हैं।
पोकरा योजना के दूसरे चरण की में शामिल कार्य है:
- किसान हित वर्ग, किसान प्रोत्साहन फर्म और किसान प्रोत्साहन संस्थान का प्रोत्साहन।
- सभी परिस्थितियों में किसानों की सहायता के लिए समुदायों में एक स्वयं सहायता संगठन की स्थापना करना
- स्थानीय जलवायु के आधार पर किसानों को लचीले बीज की आपूर्ति करें। महाराष्ट्र राज्य बीज निगम और एफपीओ इन बीजों का निर्माण करते हैं।
Pocra Yojana Phase 2 में शामिल ग्राम का लिस्ट डाउनलोड करें
पोकरा योजना ग्रामीण लिस्ट को डाउनलोड करने के लिए आप निचे के बटन पर क्लिक करें।
FAQs: DBT PoCRA Yojana
DBT PoCRA का पूरा नाम प्रोजेक्ट ऑन क्लाइमेट रेसिलिएंट एग्रीकल्चर (Project on Climate Resilient Agriculture) है। यह महाराष्ट्र राज्य में सूखा पड़ने के कारन किसानो को नुकसान न हो इस लिए टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करते है।
डीबीटी पोकरा योजना के चार घटक है:
>घटकA: जलवायु-लचीला कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देना
>घटकB: क्लाइमेट-स्मार्ट पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट और वैल्यू चेन एक्सटेंशन
>घटकC: जलवायु लचीलापन के लिए संस्थागत विकास, ज्ञान और नीति कृषि
>घटकD: प्रोजेक्ट मैनेजमेंट