रोजा खोलने की दुआ

Roza Kholne Ki Dua In Hindi – रोजा खोलने की दुआ हिंदी में

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roza kholne.ki dua: दोस्तों आज के इस सुंदर आर्टिकल में आपको रोजा खोलने की दुआ के बारे में बताया जाएगा। यह दुआ हिंदी, अंग्रेजी और अरबी भाषाओं में बहुत ही सरल शब्दों में लिखी गई है। इसे पढ़कर आप बहुत आसानी से रोजा खोल सकेंगे और इसकी दुआ को अपने जहन में भी बसा लेंगे। roza kholne ki dua hindi me, roza kholne ki dua hindi mein अब आपको कहीं भी रोजा खोलने की दुआ ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ध्यान से पढ़ें और याद करें।

Roza Kholne Ki Dua In Hindi

रोजा Kholne Ki Dua हिंदी में

अल्लाहुम्म इन्नि ल क सुम्तू व बि क आमन्तु व अलैक तवक्कल्तु व अला रिज्कि क अफ तरतू

Roza Kholne Ki Dua In Arabic

अरबिक में रोज़ा खोलने की दुआ

اَللّٰهُمَّ اِنِّي لَکَ صُمْتُ وَ بِکَ اٰمَنْتُ وَ عَلَيْکَ تَوَ کّلْتُ وَ عَلٰى رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

रोजा Kholne Ki Dua In English

रोजा Kholne Ki Dua In English में

Allahumma inni La Ka Sumtoo Wa Bi Ka Aamantoo Wa Alaika Tawakkaltoo Wa Ala Rizkee Ka Aftartoo.

Roza Kholne Ki Dua Ka Tarjuma

यहाँ देखे Roza Kholne Ki Dua Ka Tarjuma हिंदी में

ऐ अल्लाह मैंने तेरी खातिर रोजा रखा और तेरे उपर ईमान लाया और तुझ पर भरोसा किया और तेरे रिज्क से इसे खोल रहा हूं।

रोजा खोलने से जुड़ी ज़रूरी बाते

दोस्तों आप ये बातों को रखे ध्यान में तब रोज़ा खोले –

  • रोजा हमेशा खजूर या पानी से खोलना चाहिए।
  • रोजा खोलने से पहले वजू करना चाहिए।
  • रोजा खोलने से पहले दुआ करना चाहिए।
  • रोजा खोलते वक्त बातें नहीं करना चाहिए
  • रोजा खोलने के बाद भी अल्लाह से दुआ करना चाहिए।

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Roza इफ्तार करने का सही तरीका

हम roza kholne ki dua hindi me: सबसे पहले, इफ़्तार यानी रोजा खोलने के लिए सही समय को ध्यान से जान लें क्योंकि मग़रिब नमाज के लिए बहुत कम समय होता है।

जब इफ़्तार का समय हो, तब दस मिनट पहले सभी परिवार के सदस्य एक साथ एक जगह इकट्ठा हो जाएँ। मर्द और औरतों को अलग-अलग बैठना चाहिए।

उसके बाद, दुआ दिन दुनिया और आखिरत के लिए पढ़ें और जब अजान होता है, तब रोज़ा खोलने के लिए दुआ पढ़ें। अजान पूर्ण होने तक बैठे रहें।

जब अजान पूर्ण हो जाएगा, तब अजान के बाद की दुआ पढ़ें और फिर खाने-पीने शुरू करें। नमाज के लिए जाएँ।

हमेशा खजूर से रोज़ा खोलें। अगर खजूर नहीं है तो पानी से रोज़ा खोलें। हज़रत सुलेमान बिन आमिर रजियल्लाहु तआला अन्हुं ने बताया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया था कि जब तुम में से कोई इफ़्तार करे तो खजूर से करना चाहिए क्योंकि इसमें बरकत होती है।

रोजा खोलने की दुआ से जुड़ी एक ख़ास हदीस

roza kholne ki dua hindi mein : एक हदीस पाक के तहत हज़रत मुल्ला अला कारी रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं कि इब्ने मलिक ने कहा कि आप (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) इसी दुआ को ‘अल्लाहुम्मा लका सुम्तू और तेरे रिज्क के बादशहर को फिर से तक़दीर करता हूँ’ (अल्लाह हे, मैं तुझे रोज़ा रखता हूँ और तेरी रेहमत के बादशाहत को फिर से तक़दीर करता हूँ) इफ्तार के बाद पढ़ते थे।

रोजा खोलने से जुड़ी कुछ खास हदीस शरीफ जानें

हदीस-ए-कुदसी में अल्लाह तआला कहते हैं कि “मेरे बंदों में सबसे ज्यादा मुझे महबूब वो है जो इफ्तार में जल्दी करते हैं।” इसलिए, हुज़ूर सैय्यद ए आलम सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम अपने सहाबी को सूरज डूबने से पहले बुलंदी पर जाने और सूरज को देखने के लिए हुक्म देते थे।

हज़रत सहल बिन सअद रजियल्लाहु अन्हुं कहते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया “मेरी उम्मत के लोग तब तक भलाई पर रहेंगे जब तक वे जल्द इफ्तार करते रहेंगे।”

हज़रत अब्दुल्लाह इब्न अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं ने बताया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने मुझे रोजे में जल्दी इफ्तार करने और सहरी में ताखिर करने का हुक्म दिया था।

सारांश

आज के इस पोस्ट में जाना रोजा खोलने की दुआ कैसे करते है और क्या मांगते है रब से मै आशा करता हु आपको Roza Kholne Ki Dua आर्टिकल पसंद आया होगा और आपका सुझाव या सवाल हो हमें कमेंट जरूर करे और मित्रो ईद कब है जरूर बताओ धन्यवाद्

FAQs: Roza Kholne Ki Dua In Hindi

रोजा रखने से क्या होता है?

Roza हर मुसलमान के लिए फर्ज़ है और रखना चाहिए इसके बदले अल्लाह अपने बंदों को बेशुमार नेमतें देता है।

Roza खोलने से पहले कौन सी दुआ पढ़ते हैं?

रोजा खोलने से पहले ‘बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम बिस्मिल्लाही व अला बर क तिल्लाह’ इस दुआ को पढ़नी चाहिए।

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