PM Swamitva Yojana

Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas

पूरा नाम

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PM Swamitva Yojana की शुरुआत 

पीएम स्वामित्व योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2020 को प्रारम्भ किया गया था। 

इस दिन राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।

"भूमि और घरों के स्वामित्व की देश के विकास में एक बड़ी भूमिका है। जब परिसम्पत्ति का रिकॉर्ड है। तो नागरिकों में विश्वास उत्पन्न होता है।"   - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

PM Swamitva Yojana का स्लोगन 

स्वामित्व -मेरी संपत्ति मेरा हक़ !!

Swamitva- Meri Sampatti Mera Haq !!

पीएम स्वामित्व योजना का उद्देश्य

स्वामित्व योजना के अंतर्गत सभी  देश के ग्रामीण क्षेत्रो का ड्रोन के द्वारा सर्वे कर नक्शा बनाना एवं भूमि को सही मलिकी तक हक़ दिलाना है। eProperty Card प्रदान करना। 

पीएम स्वामित्व योजना में विभिन्न चरण में किया जाने वाला कार्य 

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चरण 1: राज्यों के बीच समझौता 

सबसे पहले भारतीय सर्वेक्षण विभाग एवं राज्य के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाता है। 

योजना के प्रारम्भ में केवल 9 राज्यों ने हस्ताक्षर किया था।  अब बिहार को छोड़कर सभी राज्यों ने मंजूरी दे दी है। राज्य की मंजूरी मिलने के बाद जिलों में से ग्राम का चुनाव किया जाता है, पंचायत की मंजूरी के बाद सर्वे का कार्य योजना अंतर्गत प्राम्भ किया जाता है।

चरण 2: CORS स्टेशन सेटअप 

CORS: Continuosly Operating Reference Station यह एक टेक्नोलॉजी है, जो किसी क्षेत्र के पोजीशन की जानकारी देता है। 

चरण 3: ग्राम सभा का आयोजना  

ग्राम सभा का आयोजना कर भूमि स्वामीकी संबंधित डिस्कशन किये जाते है। गांव में कहाँ-कहाँ मैपिंग की जरूरत है आदि। 

चरण 4: जागरूकता के कार्य 

गांव में नागरिको को योजना के संबंध में जागरूक करने के लिए "वॉल पेंटिंग", पोस्टर आदि बनाना।

चरण 4: पाउडर के साथ सीमा अंकन करना 

अब गांव के सभी जगह पावडर का उपयोग कर एक सीमा अंकन किया जाता है। भूमि का घेराव दर्शाया जाता है। 

चरण 4: सर्वेक्षण (Surveying) करना 

गांव के खेतो, रास्तो एवं मैदान का सर्वेक्षण किया जाता है। 

इससे ग्राम के भूमि का लेवल (स्तर) की जानकारी मिलती है। 

Surveying In Village Under Swamitva

चरण 5: ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण 

ड्रोन की सहायता पूरे गांव का सर्वेक्षण किया जाता है 

इससे एक मैपिंग एवं मॉडल बनाया जाता है। 

चरण 5:  ड्रोन से प्राप्त जानकारी को उपयोग में लाना 

ड्रोन सर्वेक्षण में प्राप्त भूमि की जानकारी से उन्हें सुविधा में लेन का कार्य किया जाता है। (भूमि प्रकार, प्रकृति आदि)

चरण 6:  मैप का निर्माण कार्य 

सभी जानकारी को प्राप्त कर गांव का नक्शा बनाया जाता है। इसके अंतर्गत सभी खसरा-नक्शा शामिल होता है। 

चरण 7:  विवाद समाधान 

भूमि मलिकी सम्बन्धित  विवाद के समाधान कार्य किये जाते है। 

सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा लेखाजोखा तैयार किया जाता है तथा रिकॉर्ड किया जाता है। 

चरण 8:  विवाद समाधान 

भूमि के सही मलिकी की पहचान कर उन्हें उनका हक़ दिलाया जाता है। 

इन परिवार को एक e Property Certificate भी प्रदान किया जाता है।